Nirmano Ke Pawan Yug Mein
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Heart touching poetries and songs
संघ कार्यकर्ताओं की धर्मपत्नीयों को समर्पित एक कविता मेरे माता - पिता के मन में सखी, जाने क्या थी बात समाई देखा उन्होंने मेरे लिए जो, एक "स्वयंसेवक" जमाई। क्या कहुँ बहन मुझे न जाने, क्या - क्या सहन करना होता है? "इनके" घर आने - जाने का, कोई निश्चित समय न होता
Read Moreशत नमन माधव चरण में, शत नमन माधव चरण में॥ शत नमन माधव चरण में, शत नमन माधव चरण में॥ आप की पीयुष वाणी शब्द को भी धन्य करती, आप की आत्मियता थी युगल नयनो से बरसती, और वह निश्चल हँसी जो गूँज उठती थी गगन में ॥ शत नमन माधव चरण में, शत नमन माधव
Read Moreहम सभी का जन्म तव प्रतिबिम्ब सा बन जाय॥ और अधुरी साधना चिर पूर्ण बस हो जाय। बाल्य जीवन से लगाकर अन्त तक की दिव्य झाँकि मूक आजीवन तपस्या जा सके किस भाँति आँकी क्षीर सिंधु अथाह विधि से भी न नापा जाय चाह है उस सिंधु की हम बूँद ही बन जायँ ॥१॥ हम सभी
Read Moreख़ुदा की मोहब्बत को फ़ना कौन करेगा? Khuda ki mohabbat ko fana kaun karega? خُدا کی مہبت کو فنا کون کریگا؟ सभी बंदे नैक हों तो गुनाह कौन करेगा? Sabhi bande nek ho to gunaah kaun karega? سبھی بندے نئک ہوں تو گناہ کون کریگا؟ ऐ ख़ुदा मेरे दोस्तों को सलामत रखना Ae khuda mere dosto ko
Read Moreराष्ट्र-भक्ति के अमर सिपाही, हमको देश निहार रहा है। हमको देश पुकार रहा है। अब भी बहुत घना अंधियारा, आंधी गरज - गरज कर चलती, कूल कगारे चाट चाट कर, मदमाती है नदी उछलती, साहस करके आगे आओ, जन जीवन हार रहा है। हमको देश निहार रहा है। हमको देश पुकार रहा है। ॥१॥ ढहते पर्वत मिलती
Read Moreउठो जवान देश की वसुंधरा पुकारती, देश है पुकारता पुकारती माँ भारती।। ॥धृ॥ रगों में तेरे बह रहा है खून राम-श्याम का, जगद्गुरु गोविंद और राजपूती शान का, तू चल पड़ा तो चल पड़ेगी साथ तेरे भारती।। उठो जवान देश की वसुंधरा पुकारती, देश है पुकारता पुकारती माँ भारती।। है शत्रु दन-दना रहा चहु दिशा में देश
Read Moreसंगठन गढ़े चलो, सुपंथ पर बढ़े चलो । भला हो जिसमें देश का, वो काम सब किए चलो ॥ युग के साथ मिल के सब कदम बढ़ाना सीख लो । एकता के स्वर में गीत गुनगुनाना सीख लो । भूल कर भी मुख में जाति-पंथ की न बात हो । भाषा-प्रांत के लिए कभी ना
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