उठो जवान देश की वसुंधरा पुकारती,
देश है पुकारता पुकारती माँ भारती।। ॥धृ॥
रगों में तेरे बह रहा है खून राम-श्याम का,
जगद्गुरु गोविंद और राजपूती शान का,
तू चल पड़ा तो चल पड़ेगी साथ तेरे भारती।।
उठो जवान देश की वसुंधरा पुकारती,
देश है पुकारता पुकारती माँ भारती।।
है शत्रु दन-दना रहा चहु दिशा में देश की,
पता बता रही हमें किरण-किरण दिनेश की,
वो चक्रवर्ती विश्वविजयी मातृभूमि हारती।।
उठो जवान देश की वसुंधरा पुकारती,
देश है पुकारता पुकारती माँ भारती।।
उठा कदम बढ़ा कदम कदम-कदम बढ़ाए जा,
कदम-कदम पे दुश्मनों के धड़ से सर उड़ाए जा,
उठेगा विश्व हाथ जोड़ करने तेरी आरती।।
उठो जवान देश की वसुंधरा पुकारती,
देश है पुकारता पुकारती माँ भारती।।